इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी Ola Electric Mobility Ltd ने ₹1,700 करोड़ तक की राशि जुटाने का ऐलान किया है। यह फंडिंग गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) और अन्य डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए की जाएगी। यह निर्णय हाल ही में हुई कंपनी की बोर्ड मीटिंग में लिया गया।
क्या है Ola Electric की फंडिंग योजना?
कंपनी ने बताया कि यह फंडिंग एक या एक से अधिक चरणों में की जाएगी और यह निजी प्लेसमेंट या अन्य वैध तरीकों से होगी। इसके तहत टर्म लोन, वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी, या अन्य डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हो सकते हैं।
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राशि कंपनी की पहले से अनुमोदित उधारी सीमा के अंतर्गत ही होगी। फंडिंग का ढांचा, समय और शर्तें बाजार की स्थिति और कंपनी की जरूरतों के अनुसार तय की जाएंगी।
महाराष्ट्र में Ola Electric के 100 से ज्यादा शोरूम बंद
जहां एक ओर कंपनी फंडिंग जुटा रही है, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में उसे बड़ा झटका लगा है। राज्य के परिवहन विभाग ने 131 में से 107 Ola Electric शोरूम को बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के संचालन करते पाया है।
क्या है मामला?
परिवहन विभाग ने 104 शोरूम को नोटिस जारी कर दिए हैं और उनके संचालन को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। अब तक 43 शोरूम को बंद किया जा चुका है और 214 वाहनों को जब्त कर लिया गया है।
RTO का सख्त आदेश
परिवहन विभाग के जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने आदेश दिया है कि सभी डिफॉल्टर डीलरशिप्स के RTO लॉगिन क्रेडेंशियल्स को 24 घंटे के भीतर डिएक्टिवेट किया जाए। यह कार्रवाई राज्य भर में अनियमित रूप से काम कर रहे Ola Electric शोरूम्स के खिलाफ की जा रही है।
शेयर मार्केट में Ola Electric का हाल
गुरुवार को Ola Electric का शेयर ₹0.14 (0.27%) बढ़कर ₹51.50 पर बंद हुआ। फंडिंग योजना की घोषणा से निवेशकों का ध्यान फिर से इस स्टॉक की ओर गया है।
Ola Electric का अगला कदम क्या हो सकता है?
एक तरफ कंपनी फंडिंग से अपने पूंजी ढांचे को मजबूत करना चाहती है, वहीं दूसरी ओर उसे भारत के बड़े राज्य में रेगुलेटरी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों के बावजूद कंपनी का फोकस अपने ऑपरेशन्स को स्थिर करने और विस्तार की योजनाओं पर बना हुआ है।
निष्कर्ष
Ola Electric के लिए यह समय बेहद अहम है। ₹1,700 करोड़ की फंडिंग से कंपनी अपने विस्तार और परिचालन को मजबूती दे सकती है, लेकिन महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में शोरूम बंद होने से उसकी छवि और मार्केट कवरेज पर असर पड़ सकता है।