हर महीने की पहली तारीख को वित्तीय क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नियम बदल जाते हैं। इस बार भी 1 जून 2025 से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े कई अहम वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहा है। ये परिवर्तन सीधे तौर पर आपकी जेब, बैंकिंग सेवाओं और वित्तीय योजनाओं पर प्रभाव डालेंगे। आइए जानते हैं कि क्या-क्या बदलाव आने वाले हैं और इनका आप पर क्या असर होगा।
Read Also – India 4th Largest Economy: मोदी मैजिक से दुनिया में चमका भारत
1 जून 2025 कोटक क्रेडिट कार्ड की बढ़ीं फीस और नए चार्जेज
कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने क्रेडिट कार्ड की फीस संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन परिवर्तनों का सबसे ज्यादा असर रोजाना के खर्चों पर होगा: मासिक ब्याज दर में वृद्धि: क्रेडिट कार्ड पर मासिक ब्याज दर 3.5% से बढ़कर 3.75% हो गई है। यानी अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड बिल समय पर नहीं चुकाते हैं तो आपको अधिक ब्याज देना होगा।
अब ₹500 से ₹3,000 तक के फ्यूल ट्रांजैक्शन पर 1% सरचार्ज माफी मिलेगी। पहले यह सुविधा व्यापक रूप से उपलब्ध थी। लाउंज एक्सेस के लिए न्यूनतम खर्च: जेन क्रेडिट कार्ड धारकों को अब घरेलू एयरपोर्ट लाउंज की दो मुफ्त विजिट के लिए हर तिमाही में ₹75,000 खर्च करना होगा।
नए ट्रांजैक्शन चार्जेज: यूटिलिटी बिल भुगतान, वॉलेट रीलोड, ऑनलाइन गेमिंग और कुछ अन्य श्रेणियों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
SEBI के म्यूचुअल फंड नियमों में बदलाव 1 जून 2025
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम (MFOS) के संबंध में महत्वपूर्ण अपडेट की घोषणा की है। इस बदलाव का उद्देश्य क्लाइंट फंड्स की प्लेज-आधारित अपस्ट्रीमिंग को व्यवस्थित करना है।
कट-ऑफ टाइमिंग में बदलाव: ओवरनाइट फंड्स में यूनिट्स की रिपर्चेस (बिक्री) के लिए कट-ऑफ टाइमिंग में संशोधन किया गया है। यह बदलाव निवेशकों की फंड ट्रांसफर प्रक्रिया को प्रभावित करेगा। तरलता प्रबंधन: नए नियम तरलता प्रबंधन को बेहतर बनाने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
बैंकिंग सेवाओं में 1 जून 2025 संभावित बदलाव
हालांकि अभी तक सभी बैंकों की तरफ से आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पिछले महीनों के ट्रेंड को देखते हुए निम्नलिखित बदलाव संभावित हैं: ATM शुल्क संरचना: कुछ बैंक अपनी ATM शुल्क संरचना की समीक्षा कर सकते हैं।
मुफ्त लेनदेन की संख्या या अतिरिक्त शुल्क में बदलाव हो सकता है।
न्यूनतम बैलेंस आवश्यकताएं: कुछ बैंक अपने खाता प्रकारों के लिए न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकताओं में संशोधन कर सकते हैं।
डिजिटल पेमेंट्स में अपडेट
UPI सुरक्षा उपाय: यूपीआई प्लेटफॉर्म पर बढ़ती फ्रॉड की घटनाओं को देखते हुए, अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जा सकते हैं। वॉलेट और डिजिटल पेमेंट चार्जेज: कुछ प्लेटफॉर्म अपनी शुल्क संरचना में बदलाव कर सकते हैं।
बीमा प्रीमियम और निवेश उत्पादों में बदलाव
जीवन बीमा प्रीमियम: कुछ बीमा कंपनियां अपनी प्रीमियम दरों की समीक्षा कर सकती हैं।
निवेश उत्पादों की शर्तें: म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश उत्पादों की शर्तों में मामूली बदलाव हो सकते हैं।
टैक्स और अनुपालन संबंधी अपडेट
TDS नियमों में स्पष्टता: कुछ TDS (Tax Deducted at Source) नियमों में स्पष्टीकरण या संशोधन हो सकते हैं।
GST अनुपालन: व्यापारियों के लिए GST अनुपालन से संबंधित कुछ नए दिशानिर्देश लागू हो सकते हैं।
Read Also – FY 2025-26 के लिए GST नियमों में बदलाव – पूरी जानकारी
आपको क्या करना चाहिए?
तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता:
- अपने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की जांच करें और नई फीस संरचना को समझें
- म्यूचुअल फंड निवेश की समीक्षा करें यदि आपके पास ओवरनाइट फंड्स हैं
- बैंक खाते की न्यूनतम बैलेंस आवश्यकताओं की पुष्टि करें
- डिजिटल पेमेंट की आदतों पर ध्यान दें और अनावश्यक शुल्क से बचें
दीर्घकालिक रणनीति:
- अपनी वित्तीय योजना की समीक्षा करें और नए नियमों के अनुसार इसे अपडेट करें
- विभिन्न बैंकों और वित्तीय उत्पादों की तुलना करें
- वित्तीय सलाहकार से सलाह लें यदि आवश्यक हो
निष्कर्ष
ये बदलाव आपकी दैनिक वित्तीय गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इन परिवर्तनों से अवगत रहें और अपनी वित्तीय रणनीति को तदनुसार अपडेट करें। नियमित रूप से अपने बैंक और वित्तीय सेवा प्रदाताओं से अपडेट प्राप्त करते रहें ताकि कोई भी नया बदलाव आपसे छूट न जाए।
One thought on “खुशखबरी या बुरी खबर? 1 जून 2025 से आपकी जेब पर सीधा हमला – जानें 6 बड़े बदलाव!”